बीकानेर के नाल गांव में पानी संकट गहराया, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
बीकानेर जिले के नाल गांव में पिछले कई महीनों से पानी की भारी किल्लत चल रही है। इस भीषण गर्मी में पानी की समस्या और भी विकराल हो गई है। पानी न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने अब बड़ा फैसला लेते हुए 22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीकानेर आगमन पर उनके काफिले को नाल एयरपोर्ट पर रोकने की चेतावनी दी है।

कई दिनों से नहीं आ रहा पानी, ग्रामीण कर रहे हैं टैंकरों पर निर्भरता
नाल गांव के निवासी राजूराम ने बताया कि पिछले पांच-छह दिनों से गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण गांववाले टैंकरों से पानी मंगवाने को मजबूर हैं, जिसकी कीमत 500-600 रुपये प्रति टैंकर है। लेकिन इतनी कीमत चुकाने के बाद भी शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि गंदे पानी के कारण कई बार बीमारियों का सामना करना पड़ता है। गांव के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे धूप में लाइन में लगकर पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
मोटर खराब, लाइन में लीकेज, कोई सुनवाई नहीं
गांव में दो मुख्य टंकियां हैं लेकिन दोनों पर सिर्फ एक ही मोटर लगी हुई है। अगर वह मोटर खराब हो जाती है या गर्मी में बंद हो जाती है, तो पूरे गांव की सप्लाई ठप हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
एक महिला ने बताया कि उन्होंने कई बार वाट्सएप और लिखित में एप्लीकेशन दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पाइपलाइन में जगह-जगह लीकेज है, जिससे पानी की बर्बादी हो रही है और गांव तक पर्याप्त आपूर्ति नहीं पहुंच रही।
गांव में टंकी बनाने की मांग, लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं
गांव के लोगों की मांग है कि सरकार एक अतिरिक्त वाटर बॉक्स (पानी की टंकी) बनवाए और गांव में नई लाइन डलवाए, जिससे हर घर तक पानी की उचित आपूर्ति हो सके। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय विधायक और कलेक्टर को इस बारे में बताया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
गर्मी में पीने का पानी नहीं, लोग खरीद रहे बोतलबंद पानी
गांववाले गर्मी में पीने के लिए बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि उनके घर में हर दिन 20 से ज्यादा पानी की बोतलें लग रही हैं, जो कि एक गरीब परिवार के लिए बहुत भारी खर्च है। मजदूर वर्ग और निम्न वर्ग के लोग इस खर्च को झेल नहीं पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री के बीकानेर दौरे से पहले विरोध की चेतावनी
22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीकानेर दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के काफिले को रोकेंगे और सड़क पर धरना देंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि जब सरकार वोट मांगने आती है तब वादे करती है, लेकिन अब जनता पानी जैसी मूलभूत जरूरत के लिए तरस रही है और कोई सुनवाई नहीं हो रही।

क्या कहती है स्थानीय प्रशासन?
ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने एसडीएम, कलेक्टर, और जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन या तो फोन उठाया नहीं गया या केवल टैंकर भिजवाने का वादा किया गया, जो कि स्थायी समाधान नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि गांव में स्थायी रूप से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।
निष्कर्ष: कब होगा समाधान?
नाल गांव की यह समस्या केवल एक गांव की नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के उन हजारों गांवों की तस्वीर है जहां गर्मी के मौसम में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। जब तक सरकार और प्रशासन इस ओर गंभीरता से कदम नहीं उठाते, तब तक ऐसे विरोध और चेतावनियां बढ़ती रहेंगी।
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