बिकानेर के नाल गांव में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अवैध खनन का कार्य जारी है। खेत मालिक जयसिंह ने इस मामले में प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि उनकी 22 बीघा कृषि भूमि पर जबरन खनन कर लिया गया है, जबकि कोर्ट ने ‘यथास्थिति बनाए रखने’ का आदेश दिया था।

2018 से जारी है विवाद
जयसिंह के अनुसार, उनकी जमीन उन्हें 1980 में सरकारी अलॉटमेंट के तहत मिली थी। हालांकि, 2018 में स्थानीय खनन व्यवसायी सुंदरलाल डागा के परिवार के लोग उनकी जमीन में जबरन घुस आए और खनन कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि पहले उनकी जमीन पर मलबा डाला गया और जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में अवैध खनन का कार्य शुरू कर दिया गया, जिससे उनकी जमीन से वाइट क्ले, बजरी और अन्य खनिज निकाल लिए गए।
कोर्ट के आदेश की अनदेखी
जयसिंह का कहना है कि उन्होंने न्याय के लिए सभी स्तरों पर शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्होंने पुलिस, प्रशासन, खनिज विभाग और उच्चाधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि हाईकोर्ट, जिला न्यायालय और अन्य अदालतों ने उनके पक्ष में आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस जमीन पर किसी भी तरह का खनन नहीं होना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद वहां खनन का कार्य जारी है।
खनन माफिया की दबंगई और प्रशासन की चुप्पी
पीड़ित किसान के अनुसार, इस अवैध खनन के पीछे प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जो अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। जयसिंह का आरोप है कि खनन व्यवसायी ने अपने पिता और दादा की स्मृति में पीबीएम हॉस्पिटल को 5 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचता है।
खनन कानून का हो रहा उल्लंघन
राजस्थान सरकार द्वारा पारित 2017 के खनन अधिनियम के तहत, किसी भी लीज धारक को निजी कृषि भूमि में बिना अनुमति प्रवेश करने, खनन करने या मलबा डालने की अनुमति नहीं है। यदि ऐसा होता है, तो लीज को निरस्त किया जा सकता है। जयसिंह का दावा है कि उन्होंने इस कानून का हवाला देते हुए बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
22 बीघा जमीन पूरी तरह बर्बाद
जयसिंह का कहना है कि उनकी पूरी 22 बीघा जमीन खोदी जा चुकी है, जिसमें 90 फुट गहरी खुदाई कर खनिज निकाल लिए गए हैं। अब वहां सिर्फ गड्ढे ही बचे हैं, जिससे खेती करना असंभव हो गया है।
पीड़ित किसान की मांग
जयसिंह ने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कभी न कभी उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि:
- अवैध खनन को तुरंत रोका जाए।
- दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
- उनकी जमीन को वापस उपजाऊ बनाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
सोशल मीडिया पर उठा मामला
इस खबर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। आम जनता ने मांग की है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और दोषियों को सजा दिलाए।
आपकी राय क्या है?
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