बीकानेर में निर्दयता की हदें पार, कुत्ते पर हुआ बेरहमी से हमला
बीकानेर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक निर्दोष बेजुबान कुत्ते को क्रूरता का शिकार बनाया गया। इस घटना को देखकर ‘बीकानेर की शेरनी’ के नाम से मशहूर महिला कार्यकर्ता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।

क्रूरता की सारी हदें पार: पत्थर और लकड़ी से किया हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह कुत्ता सिर्फ पानी पीने के लिए बैठा था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे पत्थर मारना शुरू कर दिया। जब कुत्ते ने वहां से हटने की कोशिश की, तब भी वे नहीं रुके और लगातार पत्थर मारते रहे। उसके बाद इन लोगों ने लकड़ी से भी उस पर हमला किया और उसे बुरी तरह से पीटा। इसके बावजूद, यह कुत्ता पानी पीने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसे बार-बार रोका गया।
दर्द में तड़पता रहा कुत्ता, फिर भी नहीं पसीजा दिल
हमलावरों ने कुत्ते को इतनी बेरहमी से पीटा कि वह बुरी तरह घायल हो गया और तड़पने लगा। यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसे देखकर हर किसी का दिल दहल गया। ‘बीकानेर की शेरनी’ का कहना है कि ऐसे निर्दयी लोगों को किसी भी तरह की ठेकेदारी नहीं देनी चाहिए और समाज को इनके खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
कुत्ते की देखभाल करने वाले परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
यह कुत्ता इलाके के कई लोगों द्वारा पाला जाता था और उन्हें रोटी-पानी दिया जाता था। कुत्ते की देखभाल करने वाली महिला ने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी तबीयत भी खराब थी, जिसके लिए उन्होंने डॉक्टर बुलवाकर उसका इलाज करवाया था। लेकिन निर्दयी लोगों ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि वह आखिरकार दम तोड़ बैठा। इस घटना से पूरा इलाका दुखी और आक्रोशित है।
इंसाफ की मांग: दोषियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
इस घटना को लेकर पशु प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों में भारी गुस्सा है। ‘बीकानेर की शेरनी’ ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे अपराधियों को रोका नहीं गया, तो भविष्य में और भी निर्दोष जानवरों को ऐसी ही क्रूरता का शिकार बनाया जाएगा।
पशु क्रूरता कानून के तहत हो कार्रवाई
भारतीय कानून के तहत पशु क्रूरता (Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) एक गंभीर अपराध है, जिसमें दोषियों को सजा का प्रावधान है। इस मामले में FIR दर्ज कराने की मांग की जा रही है ताकि दोषियों को न्यायालय में पेश किया जा सके।
समाज की भूमिका: जानवरों के अधिकारों की रक्षा जरूरी
यह घटना सिर्फ एक अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक आईना है। पशु प्रेमियों का कहना है कि हमें जानवरों के प्रति दया और संवेदना रखनी चाहिए। जानवरों के साथ होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए आम जनता को भी आगे आना होगा और प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।
निष्कर्ष: दोषियों को मिले कड़ी सजा
बीकानेर की इस दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। ‘बीकानेर की शेरनी’ और अन्य कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सख्त सजा दी जाए। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सच में एक विकसित समाज का हिस्सा हैं, जहां बेजुबान जानवरों के लिए भी कोई जगह नहीं है?
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