परिचय: बाड़मेर से नहीं, इस बार Bikaner से चमका सितारा
राजस्थान के बीकानेर जिले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी सुविधा या बड़े शहर की मोहताज नहीं होती। IIT प्रवेश परीक्षा 2025 में बीकानेर के एक होनहार छात्र ने टॉप रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है। सबसे खास बात यह रही कि उसने खुद अपनी सफलता के पीछे के रोज़मर्रा के अध्ययन रूटीन को साझा किया, जो हर प्रतियोगी छात्र के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

छात्र का नाम और पृष्ठभूमि
इस होनहार छात्र का नाम अर्पित शर्मा है, जो बीकानेर के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता एक प्राइवेट कर्मचारी हैं और मां गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों में रहते हुए अर्पित ने जो कर दिखाया है, वह सिर्फ बीकानेर ही नहीं, पूरे राजस्थान के छात्रों को नई दिशा दिखाता है।
IIT-JEE में टॉप रैंक और स्कोर
IIT-JEE Advanced परीक्षा में अर्पित शर्मा ने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 37 प्राप्त की है। उन्होंने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स तीनों विषयों में बेहतरीन स्कोर किया, जिससे उन्हें कंप्यूटर साइंस जैसे टॉप ब्रांच के लिए योग्य घोषित किया गया है। यह रैंक उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन का प्रमाण है।
Jhalko Bikaner को बताया सफलता का रूटीन
Jhalko Rajasthan की टीम को दिए गए विशेष साक्षात्कार में अर्पित ने अपने रूटीन के बारे में बताया:
1. सुबह 5 बजे उठना – दिन की शुरुआत मेडिटेशन से
हर दिन की शुरुआत ध्यान और शॉर्ट वॉक से होती थी। इससे मानसिक स्पष्टता मिलती थी और पूरे दिन एनर्जी बनी रहती थी।
2. स्टडी शेड्यूल – डेली 8 से 10 घंटे की पढ़ाई
अर्पित ने बताया कि उन्होंने कभी घंटों को नहीं, बल्कि गुणवत्ता को प्राथमिकता दी।
- सुबह: मैथ्स प्रैक्टिस
- दोपहर: फिजिक्स के कॉन्सेप्ट
- शाम: केमिस्ट्री रिवीजन और टेस्ट प्रैक्टिस
3. डाउट्स और रिवीजन
वे हर संडे को “Revision + Doubt Day” के रूप में मनाते थे। उस दिन हफ्तेभर के नोट्स को दोहराते और पेंडिंग डाउट्स क्लियर करते।
मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी
अर्पित ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी। व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसी distracting apps को अनइंस्टॉल कर दिया था। पढ़ाई के लिए केवल YouTube और कोचिंग ऐप्स का उपयोग किया।
परिवार और शिक्षकों का योगदान
उनकी इस सफलता में माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा। अर्पित ने कहा –

“जब मैं थक जाता था, मां की चाय और पिता की हिम्मत बढ़ाने वाली बातें मुझे फिर से जोश देती थीं।”
स्कूल और कोचिंग संस्थान ने भी समय-समय पर टेस्ट और मार्गदर्शन के जरिए उन्हें आगे बढ़ाया।
क्या कहते हैं बीकानेरवासी?
अर्पित की सफलता की खबर मिलते ही बीकानेर में खुशी की लहर दौड़ गई। मोहल्लेवालों और स्कूल के स्टाफ ने मिठाई बांटी और अर्पित को शाबाशी दी। कई छात्रों ने Jhalko Bikaner के माध्यम से कहा कि वे भी अब इसी तरह की रणनीति अपनाकर अगले साल टॉप रैंक लाने का प्रयास करेंगे।
भविष्य की योजना
अर्पित अब IIT Bombay में Computer Science में दाखिला लेंगे और आगे चलकर टेक्नोलॉजी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वे जरूरतमंद छात्रों के लिए फ्री गाइडेंस भी देंगे।
Jhalko Rajasthan की विशेष टिप्पणी
बीकानेर जैसे छोटे शहर से निकली इस सफलता की कहानी पूरे राजस्थान के युवाओं के लिए एक संदेश है –
“सपने देखो, संघर्ष करो और हर दिन की योजना बनाकर चलो – सफलता जरूर मिलेगी।”
Jhalko Rajasthan अर्पित शर्मा को हार्दिक बधाई देता है और आशा करता है कि उनकी यह सफलता कहानी अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरित करेगी।
निष्कर्ष: दृढ़ निश्चय और अनुशासन ही सफलता की कुंजी
अर्पित की सफलता यह दर्शाती है कि अगर नीयत सही हो और मेहनत में कोई कसर न हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। बीकानेर जैसे शहरों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है सही दिशा और प्रेरणा की। और अर्पित शर्मा ने वह प्रेरणा बनकर दिखाया है।
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