बीकानेर, राजस्थान — बीते दिन बीकानेर के प्रसिद्ध मैदान मार्केट में हुए एक भीषण गैस सिलेंडर विस्फोट ने पूरे शहर को दहला कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, विस्फोट का मंजर इतना भयानक था कि मानो किसी युद्ध क्षेत्र में बम विस्फोट हुआ हो।

हादसे की शुरुआत: अचानक हुआ धमाका, छा गया धुआं और चीख-पुकार
सुबह के समय अचानक एक जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरे मार्केट में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मार्केट के भीतर धुआं भर गया और चारों ओर चीख-पुकार गूंजने लगी। ध्वनि इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। लोगों को लगा कि कहीं बम फटा है या कोई आतंकी हमला हुआ है, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक गैस सिलेंडर का विस्फोट था।
एक ही परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़: सचिन सोनी की दर्दनाक मौत
इस हादसे में सचिन सोनी नामक युवक की मौत सबसे ज्यादा चर्चा में रही। सचिन अपने परिवार का इकलौता बेटा था और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। पिता गौरव सोनी ने बताया कि सचिन दुकान के लिए सामान लेने गया था, तभी यह हादसा हुआ। सचिन का पूरा परिवार इस समय गहरे सदमे में है। उनके अनुसार, “अब तो घर का चिराग ही बुझ गया।”
बचाव कार्य और स्थानीय लोगों की भूमिका
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी बजरंग जी ने बताया, “मैंने खुद चार लाशें मलबे से बाहर निकालीं। ऐसा दृश्य मैंने जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा।” हादसे के दौरान करीब 20 से 25 लोग अंदर मौजूद थे। कई लोग तो छतों से कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।
मलबे में दबे रहे लोग, प्रशासनिक लापरवाही के आरोप
हादसे के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। अब तक न तो किसी प्रकार का मुआवजा तय किया गया है और न ही किसी आर्थिक सहायता की घोषणा हुई है। लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से रोड एक्सीडेंट में मुआवजा मिलता है, उसी प्रकार गैस ब्लास्ट जैसे हादसों में भी पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता मिलनी चाहिए।
दादी और बहनों की आंखों से छलके आंसू
सचिन की दादी और बहनों ने बताया कि हादसे के कुछ ही समय पहले वह दूध पी रहा था और घर में खाना तैयार हो रहा था। पूरे परिवार को उम्मीद थी कि वह जल्दी लौट आएगा, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सचिन की दादी का कहना है, “घरों का सब कुछ उजड़ गया, अब कौन संभालेगा?”
मांग: पीड़ित परिवारों को मिले न्याय और आर्थिक सहायता
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों की मांग है कि इस दर्दनाक हादसे की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत दी जाए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अपील की है कि वे किसी भी राजनीतिक या सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर पीड़ितों की मदद करें।
निष्कर्ष: आंखें नम और दिल बोझिल
बीकानेर का मैदान मार्केट अब भी उस दर्दनाक मंजर की गवाही दे रहा है। हादसे के बाद हर तरफ गम का माहौल है। यह घटना न केवल एक तकनीकी चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि प्रशासन की तत्परता और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करती है।
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