बीकानेर के बच्चे ने आंखों पर पट्टी बांधकर किया ऐसा कमाल कि रिपोर्टर भी रह गए दंग
बीकानेर। प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती – यह बात बीकानेर के एक नन्हे कलाकार ने साबित कर दी है। आंखों पर पट्टी बांधकर जो कारनामा इस बच्चे ने किया, उसे देख न केवल स्थानीय लोग बल्कि रिपोर्टर तक हैरान रह गए। यह अनोखी कला अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और हर कोई इस बालक की प्रतिभा की सराहना कर रहा है।

कौन है यह होनहार बच्चा?
यह बच्चा बीकानेर के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है और अभी स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। लेकिन इसकी खासियत है – माइंड आर्ट, यानी मानसिक शक्ति और फोकस के जरिए बिना देखे कार्य कर पाना। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान इस बच्चे ने सबके सामने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसने सबका ध्यान खींच लिया।
क्या किया इसने जो सब रह गए हैरान?
कार्यक्रम के दौरान जब इस बच्चे की आंखों पर पूरी तरह से पट्टी बांध दी गई, तब भी उसने:
- सामने रखी किताब पढ़कर सुनाई
- रंग पहचानकर बताएं
- भीड़ में मौजूद किसी व्यक्ति को उसकी आवाज से पहचान लिया
- यहां तक कि कुछ आकृतियाँ भी सही-सही बनाई
यह सब कुछ बिना देखे करना किसी जादू से कम नहीं लगा। लेकिन यह जादू नहीं, मेंटल ट्रेंनिंग और निरंतर अभ्यास का परिणाम है।
Jhalko Rajasthan की ग्राउंड रिपोर्ट: कैसे हासिल की यह अनोखी कला?
Jhalko Rajasthan की टीम ने इस बच्चे और उसके माता-पिता से बातचीत की। बच्चे ने बताया कि वह पिछले 6 महीनों से ब्रेन एक्टिवेशन और माइंड पावर से संबंधित ट्रेनिंग ले रहा है।
उसके अनुसार, “शुरुआत में मुश्किल लगा, लेकिन लगातार अभ्यास से आज मैं बिना देखे चीजों को पहचान सकता हूं। यह ध्यान और एकाग्रता का कमाल है।”
माता-पिता की भूमिका और समर्थन
बच्चे की माँ ने बताया कि शुरुआत में उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब बच्चे ने घर पर ही बिना देखे कुछ गतिविधियाँ करके दिखाईं, तो वे हैरान रह गईं। इसके बाद उन्होंने उसे और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।
उनके अनुसार,
“आज के समय में जब बच्चे मोबाइल और टीवी में उलझे रहते हैं, हमारा बेटा माइंड आर्ट जैसी चीज़ों में रुचि लेकर कुछ अलग कर रहा है – हमें गर्व है।”
समाज और स्कूल में मिली तारीफ
इस प्रदर्शन के बाद स्कूल और मोहल्ले में बच्चे की जमकर तारीफ हो रही है। स्कूल प्रशासन ने भी उसकी इस प्रतिभा को पहचानते हुए उसे मंच प्रदान किया और भविष्य में प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं इस कला के बारे में?
मानसिक विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रेन एक्टिवेशन और ब्लाइंडफोल्ड रीडिंग जैसी तकनीकें बच्चों के दिमाग की क्षमता बढ़ाने का माध्यम हो सकती हैं, बशर्ते वे उचित मार्गदर्शन और संतुलन के साथ की जाएं।
यह कला कोई चमत्कार नहीं बल्कि वैज्ञानिक अभ्यास पर आधारित होती है, जिसमें ध्यान, फोकस, और स्मृति शक्ति को प्रशिक्षित किया जाता है।
क्या यह कला सभी सीख सकते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, हाँ। अगर बच्चों को बचपन से ही मानसिक विकास की सही ट्रेनिंग दी जाए, तो वे भी इस तरह की क्षमताएं हासिल कर सकते हैं। इसके लिए कई संस्थाएं कार्य कर रही हैं जो माइंड पावर, मैमोरी ट्रेनिंग और ब्रेन जिम जैसी तकनीकों से बच्चों को प्रशिक्षित कर रही हैं।
निष्कर्ष: बीकानेर का यह बालक बना प्रेरणा
बीकानेर के इस होनहार बालक ने यह साबित कर दिया कि अगर जज्बा और मेहनत हो, तो कोई भी असंभव नहीं। उसकी यह कला न केवल मनोरंजक है बल्कि प्रेरणादायक भी है, जो अन्य बच्चों और अभिभावकों को भी मानसिक विकास की दिशा में सोचने पर मजबूर करती है।
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