बीकानेर जिले के बज्जू क्षेत्र में 19 वर्षीय सुमित बिश्नोई ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक हिरण को शिकारियों से बचाया। इस साहसिक घटना के बाद सुमित की बहादुरी की चर्चा पूरे राजस्थान में हो रही है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना 1 मार्च की शाम लगभग 4 बजे हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के लखासर गांव के पास घटी। सुमित बिश्नोई जब अपने घर से बाजार के लिए निकले थे, तभी उन्हें एक मॉडिफाइड महिंद्रा थार गाड़ी संदिग्ध रूप से घूमती नजर आई। उन्होंने गाड़ी का नंबर नोट किया और आगे बढ़े। तभी उन्हें हिरण की करुण पुकार सुनाई दी।
सुमित ने तुरंत हरकत में आते हुए देखा कि शिकारी एक हिरण को पकड़कर अपनी गाड़ी में डालने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए हिरण को बचाने के लिए शिकारी वाहन की ओर दौड़ लगा दी।
शिकारियों से सीधा सामना
जब सुमित ने हिरण को बचाने की कोशिश की, तो शिकारी उन पर बंदूक तान कर धमकाने लगे। लेकिन निडर सुमित ने हिम्मत नहीं हारी और हिरण को पकड़ लिया। उन्होंने हिरण को झाड़ियों में छुपा दिया ताकि शिकारी उसे दोबारा न पकड़ सकें। इसी दौरान, सुमित ने बहादुरी दिखाते हुए शिकारियों की गाड़ी की चाबी निकाल ली, जिससे वे भाग न सकें।
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की प्रतिक्रिया
सुमित ने तुरंत इस घटना की जानकारी गांव के सरपंच, स्थानीय पुलिस और वन विभाग को दी। वन रक्षक और पुलिस मौके पर पहुंचे, लेकिन शिकारी भागने में सफल रहे।
बिश्नोई समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया और वन विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की। समुदाय का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण शिकारियों का मनोबल बढ़ रहा है।
बिश्नोई समाज और जीव रक्षा की परंपरा
बिश्नोई समाज हमेशा से पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा के लिए जाना जाता है। समाज के लोग जीवों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते। अमृता देवी बिश्नोई और उनके परिवार द्वारा वृक्षों की रक्षा के लिए किए गए बलिदान को आज भी याद किया जाता है।
सुमित बिश्नोई ने इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने साहस से एक निर्दोष जीव की जान बचाई। उनकी इस बहादुरी की हर ओर सराहना हो रही है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। लोग सुमित की बहादुरी की प्रशंसा कर रहे हैं और उन्हें ‘रियल हीरो’ कह रहे हैं।

बिश्नोई समाज के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि सरकार को वन विभाग में समाज के युवाओं को भर्ती करके वन्यजीव संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
सुमित की सोच और भविष्य की योजनाएँ
बीए प्रथम वर्ष के छात्र सुमित बिश्नोई का कहना है कि वह भविष्य में भी जीव रक्षा के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। उनका मानना है कि पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में इस तरह की शिकार की घटनाएँ सामने आई हैं। बिश्नोई समाज और पर्यावरण प्रेमियों की मांग है कि सरकार को कठोर वन्यजीव सुरक्षा कानून बनाने चाहिए ताकि शिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
निष्कर्ष
सुमित बिश्नोई जैसे युवाओं की बहादुरी यह साबित करती है कि यदि संकल्प और साहस हो, तो असंभव कुछ भी नहीं। उनकी इस वीरता से राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश को प्रेरणा मिली है। सरकार को चाहिए कि ऐसे निडर युवाओं को सम्मानित करे और वन्यजीव संरक्षण को प्राथमिकता दे।
झलको राजस्थान के लिए विशेष रिपोर्ट।