चूरू (तारानगर क्षेत्र), झलको राजस्थान।
राजस्थान में भीषण गर्मी अपने चरम पर है। तापमान 50 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है और चूरू जिले के गांवों में पानी की भारी किल्लत ने लोगों को परेशान कर रखा है। गांव की गलियों, पेड़ों की छांव में बैठे लोग अब खुलेआम अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं।
झलको राजस्थान की ग्राउंड रिपोर्ट में ग्रामीणों ने बताया कि इस समय घी खाना कोई मुद्दा नहीं, लेकिन पानी मांगने पर गांव में झगड़े और मारपीट तक की नौबत आ जाती है।

पानी की समस्या सबसे बड़ी चुनौती
गांव की बुजुर्ग महिला ने दुख जताते हुए कहा, “पानी खिंडाने पर मुक्के चलते हैं और घर से धक्के मिलते हैं। घी खाने पर कोई कुछ नहीं कहता, लेकिन पानी मांगो तो जैसे गुनाह कर दिया।”
पानी की टंकियों में या तो पानी पहुंचता ही नहीं या कभी-कभी दो-तीन दिन में मुश्किल से एक बार आता है। कई घरों में पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण महिलाओं को दो-तीन कोस दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया, “पिछले कई सालों से ये समस्या बनी हुई है। बारिश नहीं होने से हालात और बिगड़ गए हैं। पीने के पानी के लिए एक-एक बूंद को तरसना पड़ रहा है।”
बिजली की कटौती और बढ़ता तापमान
गांव के लोग न केवल पानी की समस्या से परेशान हैं, बल्कि बिजली की अनियमित आपूर्ति ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। गर्मी के चलते लोग पेड़ों की छांव में बैठकर ताश खेलते नजर आ रहे हैं, क्योंकि घरों के अंदर रहना मुश्किल हो गया है।
एक बुजुर्ग ने बताया, “हम पीपल की छांव में बैठते हैं क्योंकि वहां ठंडक मिलती है। ये पेड़ हमारे लिए भगवान हैं, जो ऑक्सीजन और छाया दोनों देते हैं।”
किसान भी बेहाल: बारिश की उम्मीद अधूरी
किसानों की हालत भी बेहद खराब है। कुछ दिन पहले हुई थोड़ी बारिश से उन्होंने मूंग, मोठ जैसी फसलें बो दी थीं, लेकिन अब बारिश रुक गई है और फसलें सूखने की कगार पर हैं।
ग्रामीणों ने कहा, “अगर दो-तीन दिन में बारिश नहीं हुई तो सारी फसल बर्बाद हो जाएगी। दोबारा बीज बोने की ताकत अब किसी में नहीं है।”

राजनीतिक चर्चा भी गर्म, लेकिन समाधान नहीं
गांव में पानी की समस्या पर चर्चा करते हुए बात राजनीति तक जा पहुंची। कुछ लोग सरकार की तारीफ कर रहे थे तो कुछ कांग्रेस और भाजपा के नेताओं पर आरोप लगा रहे थे।
“नेता लोग को तो पता ही नहीं कि गांव में पानी की कैसी समस्या है। सप्लाई तो आनी चाहिए, लेकिन मोटर में पानी आता ही नहीं। कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है,” एक ग्रामीण ने कहा।
पेड़ों की कटाई पर चेतावनी
वीडियो में ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण की भी बात की। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमें न केवल छाया देते हैं बल्कि जीवनदायी ऑक्सीजन भी देते हैं।
“अगर एक पेड़ काटो तो उसकी जगह तीन लगाओ। आज अगर पेड़ होते तो इतनी गर्मी सहनी नहीं पड़ती। पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ,” एक बुजुर्ग ने समझाया।
निष्कर्ष: हालात गंभीर, समाधान की आवश्यकता
झलको राजस्थान की यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि चूरू के गांवों में गर्मी और पानी की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है। प्रशासन और सरकार को इस दिशा में तुरंत ध्यान देना चाहिए।
ग्रामीणों की मांग है कि नियमित पानी सप्लाई सुनिश्चित की जाए, बिजली की समस्या का समाधान निकाला जाए और पर्यावरण संरक्षण पर गंभीर प्रयास किए जाएं।
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