सूरजगढ़ निशान यात्रा: बाबा श्याम की अनोखी महिमा
राजस्थान के सूरजगढ़ से हर साल निकलने वाली श्याम निशान यात्रा भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। इस यात्रा में हजारों भक्त भाग लेते हैं, जो बाबा श्याम के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करने के लिए खाटू श्याम जी के दरबार में पहुंचते हैं। इस यात्रा की खास बात यह है कि इसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनमें कोलकाता, मुंबई, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया और दुबई जैसे स्थानों से आने वाले भक्त भी शामिल हैं।

सूरजगढ़ निशान यात्रा की परंपरा और मान्यता
यह निशान यात्रा पूर्वजों की परंपरा के रूप में मानी जाती है। सूरजगढ़ के प्राचीन श्याम मंदिर ट्रस्ट के सानिध्य में यह यात्रा आयोजित की जाती है। यात्रा की शुरुआत एकम के दिन निशान की पूजा से होती है और सप्तमी के दिन सुबह 11:15 बजे यह यात्रा खाटू श्याम जी के लिए प्रस्थान करती है।
निशान यात्रा की विशेषताएँ
- बाबा श्याम की कृपा: इस यात्रा में जो भी शामिल होता है और निशान के नीचे यात्रा करता है, उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- अविश्वसनीय चमत्कार: यह बाबा की महिमा है कि बारिश, आंधी या तूफान के बावजूद बाबा की सिगड़ी (धूनी) निरंतर जलती रहती है।
- संपूर्ण सुरक्षा: इस यात्रा के दौरान आज तक किसी भक्त का सामान चोरी नहीं हुआ है। अगर कोई वस्तु गिर भी जाती है, तो वह सुरक्षित रूप से लौटा दी जाती है।
ऐतिहासिक मान्यता और अंग्रेजी सरकार की चुनौती
ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेजों के शासनकाल में जब निशान यात्रा निकाली जाती थी, तो श्रद्धालुओं के बीच इसे पहले चढ़ाने की होड़ मच जाती थी। अंग्रेजी सरकार ने बाबा श्याम के चमत्कार को परखने के लिए मंदिर का दरवाजा बंद कर ताला लगा दिया। परंतु, बाबा की महिमा से यह ताला स्वतः खुल गया, जिससे अंग्रेज भी चकित रह गए और तब से यह परंपरा निर्बाध रूप से चल रही है।
खाटू श्याम जी में निशान अर्पण
यात्रा के दौरान सप्तमी के दिन खाटू श्याम जी में भक्तगण पहुँचते हैं और बारस के दिन ठीक 11:01 बजे बाबा श्याम के शिखर पर निशान अर्पित किया जाता है।
भक्तों के लिए सुविधाएँ और व्यवस्था
इस निशान यात्रा के दौरान भंडारे, सेवा शिविर और विश्राम केंद्र की व्यवस्थाएँ रहती हैं।
- भक्तों को निःशुल्क प्रसाद वितरण किया जाता है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ और प्राथमिक चिकित्सा शिविर भी लगाए जाते हैं।
- रास्ते में भक्तों के लिए विश्राम स्थल बनाए जाते हैं।
बाबा श्याम के प्रति श्रद्धा और विश्वास
जो भी भक्त इस यात्रा में शामिल होते हैं, वे यह अनुभव करते हैं कि बाबा श्याम स्वयं उनकी यात्रा का प्रबंध करते हैं। चाहे कोई कितनी भी दूर से आए, हर कोई इस यात्रा में आनंद और शांति का अनुभव करता है।
श्याम प्रेमियों के लिए संदेश
अगर आप भी बाबा श्याम के अनन्य भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सूरजगढ़ निशान यात्रा में भाग लीजिए। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और आस्था का संगम है। जय श्री श्याम!