झलको राजस्थान | अजमेर।
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित डिग्गी बाजार इलाके के नाज होटल में शुक्रवार सुबह भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी तेजी से फैली कि महज 30 मिनट में पूरी इमारत को चपेट में ले लिया। इस आगजनी की घटना में 4 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा और महिला भी शामिल हैं। वहीं, कई अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं। हादसे में एक युवक जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूद गया।

सुबह 8 बजे होटल में लगी आग, अफरा-तफरी मच गई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा शुक्रवार सुबह करीब 8:00 बजे हुआ। नाज होटल, जो डिग्गी बाजार इलाके में स्थित है, में अचानक से आग लग गई। आग की लपटें इतनी तीव्र थीं कि कुछ ही देर में होटल की पांचवीं मंजिल तक पहुंच गईं। उस समय होटल में बड़ी संख्या में जायरीन (ज़ियारत करने वाले श्रद्धालु) रुके हुए थे, जिनमें से कई की जान पर बन आई।
आग से बचने के लिए चौथी मंजिल से कूदा युवक
जान बचाने के प्रयास में एक युवक चौथी मंजिल से नीचे कूद गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। एक मां ने अपने बच्चे को खिड़की से नीचे फेंक दिया, ताकि उसकी जान बच सके। बच्चे को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन वह सुरक्षित है। स्थानीय लोगों ने भी कांच तोड़कर कई लोगों की जान बचाई।
4 लोगों की मौत, कई बुरी तरह झुलसे
इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में:
- मोहम्मद जाहिद, निवासी मोती नगर, नई दिल्ली
- एक 30 वर्षीय महिला
- एक 20 वर्षीय युवक
- एक 40 वर्षीय व्यक्ति
इसके अलावा डेढ़ साल का बच्चा इब्राहिम, कृष्णा, अलका और धवन नामक व्यक्ति घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से एक की हालत 90% तक झुलसी बताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में भी हुई मुश्किलें
घटना की सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। लेकिन होटल तक पहुंचने का रास्ता संकरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुछ पुलिसकर्मी और दमकलकर्मी भी धुएं और गर्मी के कारण बीमार पड़ गए। हालांकि बाद में उनकी हालत स्थिर बताई गई।
अवैध रूप से चल रहा था होटल, नहीं थी फायर एनओसी
अजमेर के कलेक्टर लोक बंधु और डीआईजी ओम प्रकाश ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। जांच में सामने आया है कि होटल नाज अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और फायर विभाग से एनओसी भी प्राप्त नहीं की गई थी। यह एक गंभीर लापरवाही का मामला है, जिसकी प्रशासनिक स्तर पर गहन जांच की जा रही है।
आग लगने का कारण संभवतः शॉर्ट सर्किट
फायर ऑफिसर जगदीश प्रसाद फुलवारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालांकि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही असल वजह स्पष्ट हो पाएगी।

प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी हादसे की कहानी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने से पहले तेज धमाके की आवाज आई। इसके बाद होटल में धुआं भर गया और लोग कांच तोड़कर बाहर भागे। एक टैक्सी ड्राइवर ने तुरंत फायर ब्रिगेड को बुलाया, लेकिन दमकल की गाड़ियां करीब आधे घंटे की देरी से पहुंचीं, जिससे आग और तेजी से फैल गई।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय पार्षद भारती श्रीवास्तव ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस होटल में बिना अनुमति के काम किया जा रहा था और कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे। हादसे के वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे, जिससे उन्हें भागने का मौका नहीं मिला।
ज़ियारत के लिए आए श्रद्धालु हादसे के शिकार
मृतकों और घायलों में से कई लोग दिल्ली से अजमेर दरगाह की ज़ियारत के लिए आए थे। मोहम्मद जाहिद के परिजनों ने बताया कि वे रिहाना और इब्राहिम के साथ बुधवार को दिल्ली से रवाना हुए थे और हादसे की खबर मिलने के बाद वे तुरंत अजमेर के लिए रवाना हो गए।
जांच जारी, दोषियों पर होगी कार्रवाई
अजमेर पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। कलेक्टर और डीआईजी ने आश्वासन दिया है कि जो भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
अजमेर के डिग्गी बाजार स्थित नाज होटल में आगजनी की यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि फायर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण भी है। मृतकों के परिजनों का गुस्सा और दर्द जायज है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सख्त कदम उठाए।
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