राजस्थान:-पितृ पक्ष का पावन पर्व आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में हर परिवार परेशानियों से बचने के लिए अपनी-अपनी तैयारी कर रहा है. खास बात यह है कि पितृ पक्ष से पहले ही घर में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगती हैं।जिससे हमें लगता है कि हमारे पूर्वज नाराज हैं। जैसे अचानक दरवाजे बंद होना, घर में रहस्यमयी आवाजें आना या बिन बुलाए मेहमानों जैसा अजीब अनुभव होना, तो संभव है कि आपका घर पितृदोष से प्रभावित है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. के अनुसार धीरज शर्मा के अनुसार ये चिन्ह पितृदोष का प्रतीक हो सकते हैं, जो तीन पीढ़ियों के पूर्वजों की नाराजगी को दर्शाते हैं।
तीन पीढ़ियों का पितृदोष क्या है?
हिंदू धर्म में पितृदोष को एक कष्टकारी दोष माना जाता है, जो पूर्वजों की आत्माओं के असंतोष और नाराजगी के कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के तीन पीढ़ियों के पूर्वज (दादा, परदादा और उनके पूर्वज) संतुष्ट नहीं होते हैं, तो इसका प्रभाव उनके वंशजों पर पड़ता है, जिसे पितृदोष कहा जाता है।
पितृदोष के लक्षण
पितृदोष से प्रभावित घरों में रात के समय अजीब घटनाएं देखी जा सकती हैं, जैसे दरवाजे का अचानक खुलना और बंद होना, अजीब आवाजें सुनाई देना या बिना वजह घर में डर का माहौल पैदा होना। इतना ही नहीं अगर घर में बार-बार बिना किसी कारण क्लेश, लड़ाई-झगड़ा या मानसिक तनाव रहता है।तो यह भी पितृदोष का संकेत हो सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच अनियंत्रित स्वास्थ्य समस्याएं या बार-बार बीमार होना भी पितृ दोष का संकेत दे सकता है। बार-बार आर्थिक संकट आना, व्यापार में घाटा होना या नौकरी में अस्थिरता भी पितृ दोष का परिणाम हो सकता है।
तीन पीढ़ियों के पूर्वजों की नाराजगी का रहस्य
ज्योतिषी पं. धीरज शर्मा लोकल 18 को आगे बताते हैं कि पितृदोष तब उत्पन्न होता है जब परिवार में किसी ने पूर्वजों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं किया हो. यह कर्तव्य तर्पण, श्राद्ध और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से पितरों को संतुष्ट करना है। यदि इन अनुष्ठानों को ठीक से नहीं किया जाता है, तो पूर्वज नाराज हो सकते हैं, जिससे पितृदोष हो सकता है।
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पितृदोष से कैसे छुटकारा पायें
पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करना, जिसमें तर्पण, पिंडदान और पितरों के लिए भोजन की व्यवस्था करना शामिल है, सबसे महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है। पितरों की शांति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराना, जरूरतमंदों की मदद करना और पशु दान करना भी लाभकारी होता है। पितृदोष को दूर करने के लिए किसी ज्योतिषी की सलाह से विशेष पूजा और हवन किया जा सकता है, ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके और दोष दूर हो सकें।
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FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 22:09 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी राशि, धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषियों और आचार्यों से बात करने के बाद लिखी गई है। कोई भी घटना, दुर्घटना या लाभ-हानि महज एक संयोग है। ज्योतिषियों से प्राप्त जानकारी सभी के हित में है। Jhalko Rajasthan व्यक्तिगत रूप से कही गई किसी भी बात का समर्थन नहीं करता है।
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