Jhalko Rajasthan | जोधपुर
राजस्थान में एक बार फिर मेडिकल शिक्षा और प्रशासन के बीच चल रहे तनाव ने तूल पकड़ लिया है। जोधपुर के एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई घटना अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। जयपुर तक इसकी गर्माहट पहुंच चुकी है। छात्र नेता निर्मल चौधरी ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और प्रशासन से जवाब मांगा है।

क्या है पूरा मामला?
जोधपुर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ प्रशासनिक कार्रवाई के बाद विवाद गहराता गया। आरोप है कि डॉक्टर को बिना स्पष्ट कारण के निलंबित किया गया या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई, जिससे साथी डॉक्टरों और छात्रों में भारी रोष फैल गया।
घटना के बाद पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया और सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा वायरल होने लगा। छात्रों ने इस कार्यवाही को अन्यायपूर्ण बताते हुए त्वरित समाधान की मांग की।
जयपुर तक पहुंची विरोध की लहर
मामले की गंभीरता को देखते हुए यह मुद्दा सिर्फ जोधपुर तक सीमित नहीं रहा। जयपुर समेत प्रदेश के अन्य मेडिकल संस्थानों में भी छात्र एकजुट होकर समर्थन में आ गए। विरोध की आग पूरे राज्य में फैल गई।
राज्य भर के छात्र संगठनों और रेजिडेंट डॉक्टरों ने मिलकर प्रदर्शन की योजना बनाई। सोशल मीडिया पर #JusticeForResidentDoctor ट्रेंड करने लगा, जिससे आम जनता और राजनीतिक हस्तियों का ध्यान इस ओर गया।
निर्मल चौधरी का बयान आया सामने
छात्र राजनीति में सक्रिय और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“रेजिडेंट डॉक्टर हमारे स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं। उनके साथ अन्यायपूर्ण बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार और मेडिकल प्रशासन को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।”
उन्होंने प्रशासन से मांग की कि संबंधित डॉक्टर को न्याय मिले और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। साथ ही उन्होंने छात्र संगठनों से संयम बरतने की अपील भी की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, कॉलेज स्तर पर एक जांच कमेटी गठित कर दी गई है जो इस पूरे मामले की पड़ताल करेगी।
प्रशासन का मानना है कि पूरे मामले में सभी पक्षों को सुनकर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। हालांकि छात्रों का गुस्सा यह संकेत दे रहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

क्या कहता है छात्र समुदाय?
छात्रों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब मेडिकल छात्रों या रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ अन्याय हुआ हो। उन्होंने मांग की कि पूरे राज्य में डॉक्टरों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए एक सख्त नीति बनाई जाए।
एक छात्र नेता ने कहा:
“जब हम दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं, तो हमारे साथ भी न्याय होना चाहिए। बिना सुनवाई के कार्रवाई करना पूरी तरह से गलत है।”
निष्कर्ष: क्या मिलेगा न्याय?
यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से और कितनी निष्पक्षता से कार्रवाई करता है। छात्रों की एकता और जन समर्थन इस बार कुछ बदलाव की ओर संकेत कर रहा है।
“Jhalko Rajasthan” इस मुद्दे से जुड़ी हर अपडेट आप तक पहुंचाता रहेगा। यदि यह आंदोलन और तेज हुआ, तो यह आने वाले समय में राजस्थान की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
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