चूरू में तेज आंधी के साथ फैक्ट्री में लगी भीषण आग
राजस्थान के चूरू जिले के घंटेल गांव में स्थित एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में मंगलवार रात अचानक भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि यह आग तेज आंधी के चलते शॉर्ट सर्किट से लगी, जिसने कुछ ही पलों में विकराल रूप धारण कर लिया। आग की लपटें इतनी भयानक थीं कि पास-पड़ोस के लोगों में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए।

स्थानीय लोगों ने की आग बुझाने की कोशिश, दमकल देर से पहुंची
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, आग लगने के तुरंत बाद गांव के स्थानीय लोग और पास के मजदूर मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर पानी व अन्य संसाधनों से आग बुझाने की कोशिश की। हालांकि, आग रुक-रुक कर भड़कती रही जिससे स्थिति पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
फैक्ट्री के पड़ोसी मालिकों ने दमकल विभाग को सूचना दी, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि दमकल काफी देर से पहुंची। एक व्यक्ति ने बताया कि प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि डेढ़ घंटे बाद तक नहीं आया। दमकल की देरी और व्यवस्था की कमजोरी से ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा गया।
करोड़ों की क्षति, बड़ी फैक्ट्रियों पर मंडराया था खतरा
स्थानीय फैक्ट्री मालिक कमल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस हादसे में लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। यदि पास की बड़ी फैक्ट्री में आग लग जाती, तो यह नुकसान करोड़ों में पहुंच सकता था। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार फोन करने के बावजूद कोई उचित कार्रवाई समय पर नहीं हुई।
चूरू में सिंदूर यात्रा के दौरान दिखा देशभक्ति का जोश
इसी दिन चूरू में भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के सम्मान में एक भव्य सिंदूर यात्रा का आयोजन भी किया गया। यह यात्रा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के आवास से वीरगति स्मारक तक निकाली गई। यात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया, और “भारत माता की जय” तथा “भारतीय सेना जिंदाबाद” के नारों से वातावरण देशभक्ति से भर गया।
भाजपा जिला अध्यक्ष बसंत जी के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में भारतीय सेना को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह यात्रा 22 मई को कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकी हमले के विरोध में और उसके जवाब में भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई के सम्मान में आयोजित की गई थी।
आंधी से चूरू का जनजीवन अस्त-व्यस्त
रात करीब 10 बजे तेज तूफान ने चूरू शहर को भी बुरी तरह प्रभावित किया। कई स्थानों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे रास्ते अवरुद्ध हो गए और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। लोगों को रात भर अंधेरे और गर्मी में रहना पड़ा।
तेज धूल भरी आंधी के कारण घरों में मिट्टी की परतें जम गईं, और बिजली संकट के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह होते ही बिजली विभाग के कर्मचारी मरम्मत कार्य में जुटे नजर आए, लेकिन जनजीवन को सामान्य होने में समय लग रहा है।
प्रशासन की लापरवाही बनी चिंता का विषय
इस पूरी घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आग लगने की सूचना के बाद भी राहत एवं बचाव कार्य में देरी होना चिंताजनक है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे हादसों से निपटने के लिए प्रशासन को ठोस व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि भविष्य में जान-माल की हानि से बचा जा सके।

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