बीकानेर – जिले के नथूसर बास इलाके में रहने वाले एक परिवार पर 1 जनवरी 2025 को दिनदहाड़े हमला हुआ। आरोप है कि कुछ लोगों ने मकान पर कब्जा करने की नीयत से परिवार की बुजुर्ग महिला, बेटियों और बेटे पर जानलेवा हमला किया। घटना को हुए पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पाया है।

दिनदहाड़े किया गया हमला, महिला के बाल खींचकर घर से घसीटा
परिवार की बेटी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दोपहर 1:30 बजे अचानक गेट बजा। जब उनकी मां बाहर निकलीं तो गिरधारी, देवीदत्त, ओमप्रकाश और शैतान सिंह सहित 15–20 लोगों ने उन पर हमला कर दिया। महिला के बाल खींचकर उसे घसीटा गया और सरेआम मारपीट की गई। हमलावर ट्रैक्टर, ट्रॉली, सीमेंट और बजरी लेकर आए थे जिससे साफ था कि वे कब्जे की पूरी तैयारी के साथ आए थे।
पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप, एक महीने तक नहीं हुई एफआईआर
परिजनों ने जब पुलिस से संपर्क किया तो उन्हें शाम 7 बजे तक थाने में बैठाए रखा गया, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। अगले दिन फिर बुलाया गया, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर आखिरकार कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर तो दर्ज हुई, लेकिन 5 महीने बीतने के बाद भी एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
खुलेआम धमकियां दे रहे हैं आरोपी, सुरक्षा को लेकर डरा हुआ है परिवार
परिवार ने बताया कि आरोपी अब भी मोहल्ले में खुलेआम घूम रहे हैं और खुलेआम धमकियां दे रहे हैं। “कब्जा खाली करो नहीं तो अंजाम भुगतोगे” जैसी धमकियों से परिवार डरा हुआ है। उनका कहना है कि ये लोग किसी भी समय दोबारा हमला कर सकते हैं।
मोहल्लेवालों के सामने हुई घटना, वीडियो फुटेज भी मौजूद
घटना के समय पूरे मोहल्ले ने शोर सुनकर बाहर आकर देखा और कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाई। परिवार के पास उन वीडियो फुटेज का भी संग्रह है, जिसमें हमलावरों की हिंसा और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मकान कब्जाने की कोशिश साफ दिखती है। बावजूद इसके, पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
35 वर्षों से रह रहे हैं मकान में, फिर भी अवैध कब्जे की साजिश
पीड़ित परिवार ने बताया कि वे पिछले 35–40 सालों से इस मकान में रह रहे हैं। इसके बावजूद कुछ भूमाफिया किस्म के लोग मकान को खाली करवाकर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। गिरधारी साखला, जो भूतनाथ श्मशान भूमि ट्रस्ट का अध्यक्ष बताया जा रहा है, पर मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है।
प्रशासन और पुलिस पर उठे सवाल, चौथे स्तंभ से न्याय की उम्मीद
पीड़ित परिवार ने मीडिया के जरिए प्रशासन से गुहार लगाई है कि न्याय मिले और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। परिवार का कहना है कि थानों में केवल समय काटा गया और न्याय की उम्मीद सिर्फ कोर्ट या मीडिया से ही बची है।
पीड़ित परिवार की मांग – निष्पक्ष जांच और तुरंत कार्रवाई
पीड़ित परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि यदि स्थानीय थाने न्याय नहीं दे पा रहे हैं, तो मामले की जांच सदर थाना या मुक्ता प्रसाद थाना जैसे किसी अन्य निष्पक्ष थाने को दी जाए। परिवार का कहना है कि अगर वे गलत साबित होते हैं, तो सजा भुगतने को तैयार हैं, लेकिन अगर वे सही हैं तो प्रशासन को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।
निष्कर्ष: सवालों के घेरे में बीकानेर की कानून व्यवस्था
यह घटना बीकानेर में लगातार बढ़ रहे अवैध कब्जों, लूट, मारपीट और हत्या जैसे अपराधों की एक और कड़ी है। सवाल यह है कि यदि पीड़ित के पास वीडियो, गवाह और सबूत सब कुछ मौजूद हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही तो आम नागरिक कहां जाए? प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता कहीं न कहीं अपराधियों के हौसले बढ़ा रही है।

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