गुवाहाटी, असम।
धार्मिक आस्था और चमत्कारों की धरती पर झलको राजस्थान की टीम जब चूरू से कामाख्या देवी मंदिर पहुंची, तो वहां की भव्यता और श्रद्धा का माहौल हर किसी को आत्मिक शांति देने वाला लगा। असम के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर न केवल भारत के 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है, बल्कि यह तंत्र साधना और सिद्धियों का भी केंद्र है।

राजस्थान से आई श्रद्धालु बोले – “कामाख्या माई के दर्शन से आत्मा को मिली शांति”
झलको मीडिया से बातचीत में चूरू से आई महिला श्रद्धालु ने कहा,
“मैं अपने परिवार के साथ मां कामाख्या माई के दर्शन करने आई हूं। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मंदिर का वातावरण, साफ-सफाई और श्रद्धा का भाव मन को छू गया।”
उन्होंने यह भी बताया कि कामाख्या मंदिर की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मां को धोक लगाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
श्रद्धा, शक्ति और सच्ची कामनाओं का केंद्र है कामाख्या मंदिर
असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित यह मंदिर खासकर नारी शक्ति और तांत्रिक परंपराओं का प्रतीक माना जाता है। यहाँ शक्तिपीठों में से एक होने के कारण हजारों लोग देशभर से अपनी कामनाओं को लेकर आते हैं। चूरू के एक श्रद्धालु ने कहा,
“मैं केवल इस विश्वास के साथ आया हूं कि मां मेरी मनोकामना जरूर पूरी करेंगी। अगर ऐसा हुआ, तो मैं बार-बार यहां आऊंगा।”
मंदिर की व्यवस्था और पर्यावरण की सबने की सराहना
श्रद्धालुओं ने झलको राजस्थान से चर्चा करते हुए बताया कि मंदिर की साफ-सफाई, भक्तों के लिए व्यवस्थाएं और क्लाइमेट सब कुछ बहुत बेहतर है। मंदिर समिति द्वारा की गई व्यवस्थाएं माकूल और अनुशासित हैं, जिससे भीड़भाड़ के बावजूद दर्शन में कोई परेशानी नहीं हो रही।
एक महिला श्रद्धालु ने कहा,
“यहां आकर मन को जो शांति मिली, वह शब्दों में नहीं कही जा सकती। ऐसा लगता है जैसे मां ने हमें बुलाया और अपनी गोद में बैठा लिया हो।”
बच्चों और युवा भक्तों ने भी अनुभव साझा किए
मंदिर में पहुंचे बच्चों ने भी अपनी खुशी साझा की। एक बच्चे ने बताया कि वह पापा और भाई के साथ दर्शन करने आया है और उसे यहां आकर बहुत अच्छा लगा। इस प्रकार, न केवल बुजुर्ग और महिलाएं, बल्कि युवा और बच्चे भी मां के चरणों में श्रद्धा से झुके दिखे।
असम और आसपास के क्षेत्रों से भी पहुंचे श्रद्धालु
असम के नलबाड़ी और गुवाहाटी जैसे क्षेत्रों से आए श्रद्धालु भी पहली बार मां कामाख्या के दर्शन कर रहे थे। एक महिला ने कहा,
“मैं नलबाड़ी से पहली बार आई हूं। दर्शन कर मन को बहुत अच्छा लग रहा है। अब हर साल आने की इच्छा है।”
पुजारी और साधुओं की राय – “मंदिर में है पॉजिटिव पावर का विशेष प्रभाव”
मंदिर प्रांगण में उपस्थित पुजारी और साधुओं ने बताया कि कामाख्या देवी की आराधना में विशेष ऊर्जा और शक्ति है। साधुओं ने कहा,

“यह स्थान शक्ति और साधना का केंद्र है। यहां की पॉजिटिव एनर्जी हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।”
बारिश और हरियाली ने बढ़ाई यात्रा की सुंदरता
दर्शन के दौरान बारिश शुरू हो गई, जिससे मंदिर परिसर और भी मनोरम हो गया। हरियाली, पहाड़ी दृश्य और ठंडी हवा श्रद्धालुओं को मानसिक और आत्मिक रूप से शांति देने वाली साबित हुई।
निष्कर्ष: मां कामाख्या – आस्था, शक्ति और शांति का प्रतीक
कामाख्या देवी मंदिर की यह यात्रा झलको राजस्थान की टीम और राजस्थान से आए अन्य श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत श्रद्धा और आत्मा को छूने वाला अनुभव रहा। यहां का वातावरण, व्यवस्थाएं और धार्मिक ऊर्जा लोगों को बार-बार आने के लिए प्रेरित करती हैं।
झलको मीडिया के संवाददाता कौशल शर्मा ने कैमरामैन पुनीत सोनी के साथ यह विशेष रिपोर्ट गुवाहाटी, असम से साझा की।
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