झलको राजस्थान | जयपुर
पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राजस्थान के प्रख्यात नेता भैरोंसिंह शेखावत की स्मृति में स्थापित भैरोंसिंह शेखावत मेमोरियल लाइब्रेरी का भव्य उद्घाटन समारोह राजस्थान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बेहद भावुक शब्दों में भैरोंसिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

भैरोंसिंह शेखावत: एक युग पुरुष की स्मृति
गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि शेखावत जी के जीवन में सबसे प्रिय चीज़ किताबें थीं, जो आज एक बार फिर जीवंत हो उठी हैं। उन्होंने कहा कि यह पुस्तकालय सिर्फ एक भवन नहीं है, बल्कि भैरोंसिंह जी के चरित्र और व्यक्तित्व का सजीव रूप है।
मंच पर देश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस भावुक अवसर पर देश की कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं:
- भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
- राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े
- राजस्थान के उपमुख्यमंत्री वीरचंद जी
- वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी
- अन्य गणमान्य व्यक्ति जैसे नरपत सिंह और अभिमन्यु सिंह
इन सभी महानुभावों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी गरिमा प्रदान की।
“आधुनिक राजस्थान के निर्माता” को मिली नई पहचान
घनश्याम तिवारी ने अपने वक्तव्य में भैरोंसिंह शेखावत को “आधुनिक राजस्थान का निर्माता” कहा, जिसे गजेंद्र सिंह शेखावत ने और आगे बढ़ाते हुए कहा कि वे न केवल निर्माता थे, बल्कि उन्होंने राजस्थान की राजनीति की शिल्पकारी भी की।
उन्होंने कहा कि “आज के समय में जितने भी राजनेता सक्रिय हैं, उनमें से कई को शेखावत जी ने अपने मार्गदर्शन और प्रेरणा से गढ़ा है।”
पुस्तकालय: विचारों की जीवित विरासत
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस लाइब्रेरी की स्थापना एक मील का पत्थर है।
यह न केवल भैरोंसिंह जी की स्मृतियों को संजोती है, बल्कि उन पुस्तकों को भी जीवंत करती है, जिनसे उन्होंने अपने विचारों को पोषित किया।
उन्होंने कहा, “भैरोंसिंह जी को भैरोंसिंह शेखावत बनाने में जिन पुस्तकों ने योगदान दिया, उन्हें आज हम मूर्त रूप में इस पुस्तकालय में देख सकते हैं।”
यह स्थान अब राजनीतिक और बौद्धिक चेतना के लिए एक प्रेरणास्रोत बन जाएगा।
भैरोंसिंह जी की स्मृतियां: राजनीति और बुद्धिमत्ता का संगम
गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि शेखावत जी जब भी किसी विषय पर बोलते थे, तो उनके तथ्य, तर्क और राजनीतिक मूल्यांकन अत्यंत प्रभावशाली होते थे।
उनका 360 डिग्री मूल्यांकन करने का दृष्टिकोण, चातुर्य और बुद्धि-कौशल आज भी राजनीति में एक उदाहरण है।
उपराष्ट्रपति का स्वागत: राजस्थान की माटी का गौरव
समारोह के अंत में गजेंद्र सिंह शेखावत ने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का राजस्थान की धरती पर स्वागत करते हुए कहा,
“राजस्थान का प्रतिनिधि होने के नाते, इस पावन अवसर पर उपराष्ट्रपति महोदय का स्वागत और अभिनंदन करना मेरे लिए गौरव की बात है।”

निष्कर्ष: विचारों की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
भैरोंसिंह शेखावत मेमोरियल लाइब्रेरी का उद्घाटन न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि यह राजस्थान की भावी पीढ़ियों को विचारशील, अध्ययनशील और कर्तव्यनिष्ठ बनाने की दिशा में एक प्रयास है।
यह पुस्तकालय अब राजनीतिक, सामाजिक और बौद्धिक विमर्श का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
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