चूरू (Jhalko Rajasthan): चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के दाऊसर गांव में सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। खेत में काम कर रहे एक बुजुर्ग को बिजली लाइन बदलते समय तेज करंट का झटका लग गया, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए। घायल बुजुर्ग को पहले जिला अस्पताल और फिर उनकी हालत गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। परिजनों ने बिजली विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है और मामले की जांच की मांग की है।

खेत में काम करते समय हुआ हादसा, झुलसकर गिरे बुजुर्ग
दाऊसर गांव निवासी गुलराज (उम्र लगभग 70 वर्ष), जो रामनिवास के पिता हैं, रोजाना की तरह अपने खेत में काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि उसी दौरान गांव में बिजली लाइन बदली जा रही थी। इस प्रक्रिया में सुरक्षा के कोई ठोस उपाय नहीं किए गए थे। अचानक तेज करंट खेत में फैली लाइन से गुलराज के शरीर में प्रवेश कर गया और वे मौके पर ही अचेत हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुलराज के शरीर पर करंट के कारण गंभीर जलन हो गई और कपड़े भी जल गए। बिजली विभाग की ओर से न तो पहले से सूचना दी गई थी और न ही लाइन बंद की गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।
पोते ने देखी हालत, परिवार ने भागकर पहुंचाया अस्पताल
जब देर शाम तक गुलराज घर नहीं लौटे, तो उनका पोता खेत की ओर गया। खेत में पहुंचते ही उसने देखा कि उसके दादा झुलसी हालत में अचेत पड़े हैं। यह दृश्य देखकर वह घबरा गया और तुरंत घर जाकर परिजनों को सूचना दी। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और बिना समय गंवाए निजी वाहन से उन्हें चूरू के डीबी अस्पताल ले जाया गया।
डीबी अस्पताल से हायर सेंटर रेफर, हालत बेहद नाजुक
डीबी अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गुलराज की हालत गंभीर बताई और बेहतर इलाज के लिए उन्हें हायर सेंटर बीकानेर रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसे अंगों में संक्रमण का खतरा है और करंट के प्रभाव से उनकी नसें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।
बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप, ग्रामीणों में रोष
परिजनों का आरोप है कि बिजली विभाग ने लाइन बदलते समय न तो पब्लिक को सूचना दी और न ही सुरक्षा मापदंडों का पालन किया। “बिना कोई सूचना दिए खेतों में लाइन बदलना और बिजली चालू रखना घातक लापरवाही है,” रामनिवास ने कहा।
गांव के अन्य ग्रामीणों ने भी प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई न होने के कारण अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।
Jhalko Rajasthan की विशेष रिपोर्ट: कब जागेगा बिजली विभाग?
इस प्रकार की घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या हमारे बिजली विभाग की प्राथमिकता केवल तकनीकी काम है या आम नागरिकों की सुरक्षा भी? दाऊसर गांव की यह घटना स्पष्ट रूप से बिजली विभाग की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाती है।
बिजली लाइन बदलने जैसे जोखिम भरे कार्य बिना पूर्व सूचना, बिना सुरक्षा व्यवस्था और बिना मौके की निगरानी के करना नियमों का उल्लंघन है। यह आमजन की जान को सीधे खतरे में डालने जैसा है।

सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे न केवल इस घटना की जांच करवाएं, बल्कि भविष्य में ऐसे कार्यों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को अनिवार्य बनाएं। साथ ही, गांव-शहरों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस प्रकार के कार्यों से बचाव के लिए सजग करें।