चूरू/सुजानगढ़। राजस्थान की महिला नेतृत्व की पहचान बन चुकी गोपालपुरा पंचायत की सरपंच सविता राठी को हाल ही में दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सशक्त पंचायत नेत्री अभियान के तहत दिया गया, और वे इस कार्यक्रम में राजस्थान से एकमात्र महिला सरपंच थीं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
गोपालपुरा पंचायत का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन

सविता राठी की सरपंची में गोपालपुरा पंचायत ने निरंतर विकास की राह पकड़ी है। कार्यक्रम के दौरान गोपालपुरा पंचायत के नवाचारों और विकास कार्यों पर आधारित 3 मिनट की लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसे देशभर से आए 1500 से अधिक जनप्रतिनिधियों ने देखा।
कार्यक्रम के मंच से सविता राठी ने कहा, “सामुदायिक सहभागिता के बिना कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती। गोपालपुरा की जनता ने हर कदम पर साथ दिया, यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
लगातार तीन बार बनी सरपंच
सविता राठी का राजनीतिक सफर 2005 में शुरू हुआ जब उन्होंने पहली बार सरपंच पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार तीन बार सरपंच चुनी गईं। वर्तमान में, वे ग्राम पंचायत प्रशासक के रूप में कार्य कर रही हैं, लेकिन जनता का प्यार और समर्थन आज भी उनके साथ है।
उनकी पहचान सिर्फ एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक विकासशील सोच वाली पंचायत प्रमुख के रूप में भी है।
नवाचार और विकास के प्रतीक
सविता राठी ने अपने कार्यकाल में पंचायत में कई उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने पंचायत के लिए एक मास्टर प्लान तैयार कराया, जिसके तहत:
- सड़कों और नालियों का समुचित निर्माण किया गया।
- ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाकर गंदे पानी की समस्या को खत्म किया गया।
- बरसाती पानी को रोकने की व्यवस्था कर जल संरक्षण को बढ़ावा दिया गया।
- पंचायत में हरियाली बढ़ाने के लिए सैकड़ों पौधे लगाए गए।
- पंचायत को हेरिटेज लुक देने के लिए पुराने मंदिरों, बावड़ियों और कुओं का जीर्णोद्धार किया गया।
शिक्षा और विरासत दोनों को प्राथमिकता
गोपालपुरा पंचायत में आज तीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं और पंचायत भवन भी पूरी तरह से नया और सुव्यवस्थित है। सविता राठी का मानना है कि विकास केवल भौतिक संसाधनों से नहीं, बल्कि शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से भी होता है।
सामाजिक सरोकारों में भी सक्रिय
सविता राठी केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने:
- कोरोना काल में “कोविड आर्मी” बनाकर जरूरतमंदों को खाद्य किट उपलब्ध करवाए।
- भारत-पाक तनाव के दौरान एक जज राष्ट्र भारत कमेटी बनाई जिसमें 51 लोगों को जोड़ा गया।
- इस कमेटी ने घर-घर जाकर जागरूकता फैलाई और मोहल्लों में सायरन सिस्टम भी लगाया ताकि आपातकाल में सूचना दी जा सके।
व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा
सविता राठी का जन्म जोधपुर में हुआ था। वे बीए, एलएलबी तक शिक्षित हैं। उनके पति प्रकाश राठी चिकित्सक हैं और उनके पिता बंसीलाल माहेश्वरी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं। इनका पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी उनकी सोच और कार्यशैली में झलकती है।

देश की महिला नेतृत्व के लिए रोल मॉडल
केंद्रीय पंचायत मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सविता राठी को सम्मानित करते हुए कहा कि “देश को सवारने में महिला नेत्रियों की भूमिका बेहद अहम है।” वहीं केंद्रीय मंत्री रक्षा खड़से ने उन्हें रोल मॉडल बताया।
लाल किले पर अतिथि के रूप में बुलाया गया
सविता राठी को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को लाल किले पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भी आमंत्रित किया गया था। यह उनके कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना का प्रमाण है।
Jhalko Rajasthan की ओर से सविता राठी को इस गौरवपूर्ण सम्मान के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ऐसे जनप्रतिनिधि ही देश के भविष्य को मजबूती देते हैं।