चूरू की भीषण गर्मी में पानी का संकट गहराया, सांसद राहुल कस्वां ने सरकार को घेरा
राजस्थान के चूरू जिले में भीषण गर्मी के बीच जल संकट अपने चरम पर है। ऐसे में चूरू के सांसद राहुल कस्वां ने जल जीवन मिशन के कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं और राज्य सरकार पर आरोप लगाए हैं कि ज़मीनी हकीकत से कोसों दूर केवल कागजों में विकास दिखाया जा रहा है।

सरकार ने नहीं दिया जनता को ध्यान – राहुल कस्वां
सांसद राहुल कस्वां ने अपने बयान में कहा कि पिछले डेढ़ साल से ज़िले की स्थिति बेहद खराब है। चूरू जिले को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है, और सरकार व प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने चूरू दौरे के दौरान किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद जगाई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं आया।
जल जीवन मिशन के नाम पर हकीकत से दूर आंकड़े
राहुल कस्वां ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत राजगढ़ तहसील की बात करते हुए बताया कि वहां कुल 19 पानी की टंकियों की योजना बनी थी, लेकिन अब तक केवल 2 टंकियां ही तैयार हो पाई हैं। शेष 15 टंकियों का कार्य अधूरा पड़ा है, और 2 को छोड़कर बाकी की हालत खस्ताहाल है।
उन्होंने यह भी कहा कि जल जीवन मिशन में राजगढ़ तहसील के लिए ₹170 करोड़ और तारानगर तहसील के लिए ₹650 करोड़ स्वीकृत हुए हैं, लेकिन इन राशि का सही उपयोग नहीं हो पाया है।
झूठी रिपोर्टिंग और कंप्यूटर में फर्जी एंट्री का आरोप
राहुल कस्वां ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि अधिकारियों ने राजगढ़ तहसील में 72% घरों में पानी पहुंचाने की एंट्री कंप्यूटर पर कर दी है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। चूरू लोकसभा क्षेत्र के आम लोग अब भी पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन दस्तावेज़ों में यह दिखाया जा रहा है कि पानी हर घर तक पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से की शिकायत
सांसद ने बताया कि उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा और लोकसभा दोनों में उठाया है। इसके अलावा दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से भी मुलाकात की है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से व्यक्तिगत रूप से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने मांग की कि जल जीवन मिशन की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पानी की भारी कमी – सिर्फ 28 दिन का स्टॉक
राहुल कस्वां ने चेताया कि जिले के पास सिर्फ 28 दिन का पानी स्टॉक में बचा है। दो महीने की गर्मी अभी बाकी है और प्रशासन के पास कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर पर चूरू जिले की निर्भरता लगातार बनी हुई है, लेकिन वैकल्पिक योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मानसिक भ्रष्टाचार का आरोप – पाइपलाइन बिछा दी, टंकी अब तक नहीं बनी
कस्वां ने कहा कि भ्रष्टाचार केवल पैसे का नहीं होता, बल्कि मानसिक भ्रष्टाचार भी समाज को लंबे समय तक प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि डिग्गी आनंद सहित कई गांवों में टंकी आज तक नहीं बनी, लेकिन पाइपलाइन बिछा दी गई और पुराने सिस्टम को भी तोड़ दिया गया। गांव की गलियों को खोद दिया गया लेकिन पानी अब भी नहीं पहुंचा।
राजनीति से ऊपर उठकर हो पानी की समस्या का समाधान – झलको राजस्थान की विशेष अपील
Jhalko Rajasthan की टीम यह मांग करती है कि इस गंभीर जल संकट को केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय न बनाया जाए। जनता को पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा तत्काल मिलनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द फील्ड में जाकर वस्तुस्थिति की जांच करे और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करे।

निष्कर्ष
चूरू जैसे रेगिस्तानी जिले में जब तापमान 45 डिग्री के पार जा रहा हो, तब पानी की किल्लत आम जनजीवन के लिए त्रासदी बन जाती है। सांसद राहुल कस्वां ने जिस बेबाकी से सरकार और प्रशासन को घेरा है, वह इस बात का प्रमाण है कि चूरू की जनता अब झूठे आंकड़ों से नहीं, ज़मीनी बदलाव चाहती है।
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