जयपुर में गुस्सा फूटा: पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र सरकार से जवाब तलब

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देशभर में आक्रोश का माहौल है और शहीदों के लिए न्याय की मांग की जा रही है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी इस हमले को लेकर जनता का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा।
स्थानीय नागरिकों और विभिन्न संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आतंकवादियों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कार्रवाई की मांग की है।
“जिसने एक सिर काटा, उसके दस सिर लाओ” – जयपुरवासियों की मांग
जयपुर में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान लोगों ने स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार को याद दिलाया कि:
“जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कहा था कि अगर कोई एक सिर काटेगा तो हम दस सिर लाएंगे – अब वह समय आ गया है उस वादे को निभाने का।”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब सिर्फ निंदा और संवेदना नहीं, जमीन पर कार्रवाई चाहिए। लोगों ने हाथ जोड़कर सरकार से निवेदन किया कि पाकिस्तान और आतंकवाद को करारा जवाब दिया जाए।
गृह मंत्री की चुप्पी पर उठे सवाल
प्रदर्शन में शामिल कई युवाओं और संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। एक वक्ता ने कहा:
“24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं और देश के गृह मंत्री अभी तक कोई ठोस बयान नहीं दे पाए हैं। यह चुप्पी देश की जनता को व्यथित कर रही है।”
जनता का कहना है कि जब देश के नागरिक मारे जा रहे हैं, तो सरकार की ओर से त्वरित और प्रभावी जवाब अपेक्षित है।
भारत की जनता अब निर्णायक कार्रवाई चाहती है
बोलते हुए एक वक्ता ने कहा:
“हमारे नीरज उदवानी जैसे भाई जो जयपुर से थे, उनकी हत्या हुई है। यह हमला किसी एक राज्य पर नहीं, पूरे देश की अस्मिता पर हमला है।”
वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अब सिर्फ सीमा पार जवाब नहीं, घर में घुसकर जवाब देने का समय है। जनता ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों को खत्म करना ही एकमात्र समाधान है।
युवाओं का स्पष्ट संदेश: पाकिस्तान को मिले मुंहतोड़ जवाब
विरोध प्रदर्शनों के दौरान “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे गूंजते रहे। लोगों का कहना था कि अब पाकिस्तान को सिर्फ कूटनीतिक नहीं, सैन्य और रणनीतिक स्तर पर भी सख्त सबक सिखाने की जरूरत है।

“जो टेरर कैंप चला रहे हैं, जो योजनाएं बनाते हैं, उन्हें भी खत्म करना चाहिए। अब हिंदुस्तान को कमज़ोर नहीं समझा जाए।”
शहीदों के परिवारों को मिले न्याय और मुआवजा
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि शहीदों के परिजनों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उचित मुआवजा, स्थायी नौकरी और परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
“हम सिर्फ कारवाई की मांग नहीं कर रहे, हम न्याय की मांग कर रहे हैं।”
मोदी सरकार पर विश्वास, लेकिन अब कार्यवाही हो
हालांकि जनता ने प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास जताया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि अब समय है बोलने का नहीं, करने का। एक वक्ता ने कहा:
“मोदी जी, देश आपके साथ है। जाइए, जो करना है करिए। एक के बदले दस सिर हिंदुस्तान में लेकर आइए।”
निष्कर्ष: जनता के सब्र का इम्तहान अब और नहीं
जयपुर के इस प्रदर्शन ने यह संदेश साफ कर दिया है कि भारत की जनता अब आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं चाहती। केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह तुरंत आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे।
यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ जयपुर की आवाज़ नहीं, पूरे देश के आक्रोश का प्रतीक है। अब सवाल नहीं – जवाब चाहिए।
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