बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में छात्रों के दो गुट आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर जहां एबीवीपी समर्थित छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर एक अन्य गुट कुलपति के समर्थन में उतर आया है।

क्या है पूरा मामला?
हाल ही में, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के तहत कुलपति पर भर्ती घोटाले, वित्तीय अनियमितताओं और छात्रों की समस्याओं की अनदेखी करने के आरोप शामिल हैं। एबीवीपी के छात्रों ने कुलपति के खिलाफ धरना देकर उनके इस्तीफे की मांग की थी।
हालांकि, इसके कुछ ही समय बाद विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र गुट ने कुलपति के समर्थन में मोर्चा खोल दिया। इन छात्रों का कहना है कि कुलपति ईमानदार और छात्रों के हित में काम करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने एबीवीपी के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया।
वीसी के समर्थन में क्या कह रहे हैं छात्र?
कुलपति के समर्थन में आए छात्रों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं। एक छात्र ने कहा, “कुलपति सर ने हमेशा छात्रों की भलाई के लिए काम किया है। उन्होंने हॉस्टल की सुविधाओं में सुधार किया, खेलकूद को बढ़ावा दिया और छात्रों की शिकायतों का तत्काल समाधान किया।”
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में पहले कई बुनियादी सुविधाओं की कमी थी, लेकिन वर्तमान कुलपति के आने के बाद व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। छात्रों ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया और धरनों के माध्यम से कुलपति की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है, जो अनुचित है।
एबीवीपी का आरोप: क्या सही, क्या गलत?
एबीवीपी के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन में बड़े स्तर पर अनियमितताएँ हो रही हैं। उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और वित्तीय मामलों में गड़बड़ियाँ सामने आ रही हैं। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि खेल प्रतियोगिताओं और अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों में गड़बड़ी हुई है।
हालांकि, कुलपति समर्थक छात्रों का कहना है कि इन आरोपों के पीछे राजनीतिक एजेंडा है। उनका कहना है कि यदि कुलपति पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई होती, तो प्रशासन की ओर से अब तक कोई न कोई कार्रवाई जरूर की गई होती।
धरना जारी, लेकिन क्या होगा आगे?
इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं, दोनों पक्षों के छात्र अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। कुलपति समर्थक छात्रों का कहना है कि यदि विरोध करने वाले छात्र नहीं हटते हैं, तो वे भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ सकते हैं।
एक छात्र ने कहा, “हमारा एक ही मकसद है कि कुलपति की छवि को खराब होने से बचाया जाए। यदि जरूरत पड़ी, तो हम भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।”

छात्रों की मुख्य माँगें
एबीवीपी की माँगें:
- विश्वविद्यालय में पारदर्शी प्रशासन लागू किया जाए।
- भर्ती घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं की जाँच की जाए।
- कुलपति को पद से हटाया जाए।
कुलपति समर्थक छात्रों की माँगें:
- कुलपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जाँच हो।
- सोशल मीडिया और धरनों के माध्यम से किसी की छवि खराब करने की राजनीति बंद हो।
- प्रशासन छात्रों की सभी समस्याओं का समाधान करे।
क्या कहता है प्रशासन?
फिलहाल, विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जा सकती है। इस बैठक में छात्रों की माँगों पर चर्चा होगी और समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।
निष्कर्ष
बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों का यह आंदोलन लगातार तूल पकड़ रहा है। जहाँ एक ओर एबीवीपी समर्थित छात्र कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई छात्र उनके समर्थन में खड़े हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए क्या निर्णय लिया जाता है।
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