झलको राजस्थान, चूरू – भारतीय राजनीति में समय-समय पर विवाद होते रहते हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम में एक सांसद के खिलाफ समाज के महापुरुषों का अपमान करने पर विवाद गहरा गया है। यह मामला चूरू जिले के रतनगढ़ में सामने आया, जहां समाज के एक प्रमुख संगठन ने सांसद रामजी लाल को चेतावनी दी है। चेतावनी में यह कहा गया है कि अगर सांसद ने माफी नहीं मांगी तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह विवाद महाराणा सांगा के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर हुआ है।

समाज के महापुरुषों के अपमान को लेकर विरोध
बीते कुछ दिनों में सांसद रामजी लाल द्वारा महाराणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है। सांसद के खिलाफ राजपूत समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। इस विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के अध्यक्ष शीलाजी शेखावत गोगामेड़ी ने खुलकर सांसद रामजी लाल को चेतावनी दी है। शीलाजी ने कहा कि जो हमारे समाज के महापुरुषों का अपमान करेगा, उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
शीलाजी ने कहा, “हम समाज के महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर रामजी लाल ने माफी नहीं मांगी तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” इसके बाद कई करणी सैनिक सांसद के घर के पास पहुंच गए और उसे सख्त चेतावनी दी।
कर्मचारी रिश्वत मामले में एसीबी का बड़ा एक्शन
इस बीच, एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने चूरू जिले के रतनगढ़ में एक और बड़ी कार्रवाई की। एसीबी ने वाणिज्य कर विभाग के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ये अधिकारी महेश कुमार (सहायक वाणिज्य कर अधिकारी) और नरेंद्र सिंह (कनिष्ठ वाणिज्य कर अधिकारी) थे। एसीबी ने बताया कि एक फर्म के मालिक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन अधिकारियों ने फर्म को डिफॉल्टर घोषित न करने और जुर्माना न लगाने के बदले ₹3 लाख की रिश्वत की मांग की थी।
एसीबी टीम ने शिकायत की पुष्टि करने के बाद इन दोनों अधिकारियों को ₹2 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एसीबी के डीएसपी शबीर खान और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में की गई।
महाराणा सांगा के अपमान पर हंगामा
महाराणा सांगा का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे राजस्थान के महान वीर राजपूत राजा थे, जिनकी बहादुरी और वीरता की कहानियां आज भी सुनाई जाती हैं। ऐसे में रामजी लाल द्वारा महाराणा सांगा पर की गई अपमानजनक टिप्पणी ने प्रदेश के राजपूत समाज को आक्रोशित कर दिया।
शीलाजी शेखावत गोगामेड़ी ने इस बारे में कहा, “कल आगरा में सांसद रामजी लाल के घर पर करणी सेना का धावा हुआ। वहां सैनिकों ने सांसद के घर में घुसकर उन्हें चेतावनी दी। यह केवल एक ट्रेलर था, अगर वह अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तो परिणाम बहुत गंभीर होंगे।”
शीलाजी ने यह भी कहा कि सांसद को घुटनों के बल आकर माफी मांगनी होगी, तब ही उसे समाज से माफी मिल सकती है। “हमारे महापुरुषों का अपमान करने का परिणाम भुगतने के लिए रामजी लाल तैयार रहें।”

सांसद की स्थिति: भागने से लेकर सख्त चेतावनी तक
जब करणी सेना ने सांसद के घर पर हमला किया, तो रामजी लाल अपने घर से भाग गए थे। इस घटना के बाद, सांसद के खिलाफ विरोध और भी तेज हो गया। राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के अध्यक्ष ने कहा, “हम इंतजार कर रहे हैं कि रामजी लाल कब अपने घर से बाहर आएंगे। हम उन्हें सिखाएंगे कि हमारे समाज के महापुरुषों का अपमान करना कितना गलत है।”
शीलाजी शेखावत गोगामेड़ी ने साफ शब्दों में कहा कि अब माफी की कोई बात नहीं है। “अब तो हम इंतजार कर रहे हैं कि वह कब बाहर आएंगे, जब वह बाहर आएंगे, तो हम उनका मुंह काला करेंगे और जूतों की माला पहनाएंगे।”
समाज की ओर से कड़ी चेतावनी
शीलाजी शेखावत ने अपनी चेतावनी में यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना एक मजबूत संगठन है, जिसमें कोई भी भागने वाला या डरने वाला सैनिक नहीं है। “हम एक ऐसे समाज के सदस्य हैं जो अपने महापुरुषों का सम्मान करना जानता है। अगर कोई हमारे समाज के महापुरुषों का अपमान करेगा, तो उसे कोई भी नहीं बचा सकेगा।”
समाज के लिए यह संदेश साफ था: जो महाराणा सांगा जैसे महापुरुषों का अपमान करेगा, उसे समाज कभी माफ नहीं करेगा।
निष्कर्ष: विवाद का असर और राजपूत समाज का विरोध
सांसद रामजी लाल के बयान और उसके बाद की घटनाओं ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि भारतीय समाज में अपने महापुरुषों का सम्मान बेहद महत्वपूर्ण है। राजपूत समाज के लोग इस मुद्दे को लेकर आक्रोशित हैं और उन्होंने अपनी आवाज उठाते हुए सांसद रामजी लाल से माफी की मांग की है। अब देखना यह होगा कि सांसद इस विवाद पर क्या कदम उठाते हैं और क्या वह समाज से माफी मांगते हैं या फिर उनका विरोध और तेज होता है।
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