चूरू: शहर में लंबे समय से गंदे पानी और सीवरेज की समस्या बनी हुई है। इसी मुद्दे को लेकर सांसद राहुल कस्वां ने नगर परिषद प्रशासन और जिला कलेक्टर के साथ बैठक की। उन्होंने नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “यदि कोई ज्यादा ज्ञान रखता है तो सामने आए और बहस करे।” उन्होंने कहा कि गंदगी की समस्या और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को लेकर ठोस प्लानिंग की जरूरत है।

नगर परिषद की नाकामी पर सवाल
राहुल कस्वां ने बैठक में कहा कि नगर परिषद प्रशासन बिना किसी स्पष्ट योजना के लगातार बजट लेता जा रहा है, लेकिन काम अधूरे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि चूरू को अमृत सिटी योजना में शामिल किया गया था, लेकिन अब तक पूरी तरह से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं हो सका है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीवरेज लाइन तो बिछा दी गई लेकिन STP अभी तक तैयार नहीं हुआ। उन्होंने नगर प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर रोजाना सीवरेज के पाइप फट रहे हैं, तो क्या यह योजना सफल हो सकती है?
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में देरी का मुद्दा
बैठक में सांसद ने यह भी कहा कि “आज चूरू में रोजाना 15-20 मिलियन लीटर गंदे पानी की निकासी की समस्या है। STP बनना चाहिए था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ है।” उन्होंने मांग की कि नई Detailed Project Report (DPR) तैयार की जाए, ताकि आने वाले वर्षों में चूरू में पानी की निकासी को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर गंदे पानी को सही से ट्रीट कर दिया जाए, तो यह खेती और वन विभाग के उपयोग में आ सकता है।
नगर परिषद की कार्यशैली पर कसा तंज
राहुल कस्वां ने नगर परिषद के अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “नगर परिषद की पूरी बॉडी निष्क्रिय पड़ी हुई है। जनता की आवाज उठाने वाला कोई नहीं है।” उन्होंने कहा कि सिर्फ बजट लाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रोजेक्ट की सही मॉनिटरिंग भी होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि “आज जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है। गंदगी और जलभराव की समस्या हर जगह बनी हुई है। नगर परिषद का कार्यालय भी गंदगी से भरा पड़ा है, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है।”
भविष्य की योजनाओं पर चर्चा
बैठक में सांसद राहुल कस्वां ने सुझाव दिया कि नई STP प्लांट को अलग-अलग जगहों पर स्थापित किया जाए ताकि सीवरेज और ड्रेनेज के पानी को अलग-अलग तरीके से ट्रीट किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सीवरेज और बारिश के पानी को अलग-अलग ट्रीट करना जरूरी है, ताकि इसे कृषि और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सके।
उन्होंने नगर प्रशासन से सवाल किया कि “2023 में जो 20 करोड़ रुपये चूरू के लिए मिले थे, वह अब तक कहां खर्च हुए? बूस्टर पंप और पाइपलाइन का काम अब तक अधूरा क्यों है?”

सरकार और प्रशासन को घेरा
राहुल कस्वां ने सरकार और प्रशासन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “जब नगर प्रशासन और सरकार ही निष्क्रिय हो जाए, तो जनता की समस्याएं कौन हल करेगा?” उन्होंने कहा कि “चार साल में चार अधिकारी बदल गए, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि “फोर लेन सड़कों को सही से नहीं जोड़ा गया है, सर्विस लेन नहीं बनी हैं, और कई महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी के काम अधूरे पड़े हैं।”
क्या बोले जिला कलेक्टर और अधिकारी?
बैठक के दौरान जिला कलेक्टर और नगर परिषद के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने राहुल कस्वां की बातों को सुना और स्वीकार किया कि जल्द ही नई DPR तैयार की जाएगी।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि “हम जल्द ही एक संयुक्त बैठक करेंगे, जिसमें सीवरेज और पानी निकासी की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने की योजना बनाई जाएगी।”
निष्कर्ष
सांसद राहुल कस्वां की यह बैठक इस बात का संकेत है कि चूरू की गंदे पानी और सीवरेज की समस्या को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने नगर प्रशासन को चुनौती दी कि अगर कोई इस विषय पर ज्यादा जानता है तो वह आकर बहस करे। उन्होंने कहा कि चूरू के विकास और साफ-सफाई को लेकर वे जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नगर प्रशासन इस समस्या को हल करने के लिए कितनी जल्दी कदम उठाता है।