जोधपुर, राजस्थान: जोधपुर और पाली का नाम आते ही एक खास मिठाई की चर्चा जरूर होती है – गुलाब जी का हलवा। यह हलवा सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देश-विदेश तक मशहूर है। इसकी अनोखी मिठास और पारंपरिक स्वाद के कारण लोग इसे खास पसंद करते हैं। कई बार तो राहगीर और पर्यटक खासतौर पर इसे खरीदने के लिए यहां रुकते हैं।

गुलाब जी हलवा की शुरुआत – 1970 से आज तक का सफर
गुलाब जी हलवा की शुरुआत 1970 में गुलाब गोस्वामी जी ने की थी। उनके कठिन परिश्रम और समर्पण ने इस हलवे को एक ब्रांड बना दिया। शुरुआती दिनों में यह हलवा एक छोटे से ठेले पर बेचा जाता था, लेकिन आज इसका नाम इतना मशहूर हो चुका है कि गुलाब हलवा वाला एक ट्रेडमार्क ब्रांड बन गया है।
गुलाब जी के पोते इंद्रेश पुरी बताते हैं कि उनके दादा जी ने इस व्यवसाय की नींव अकेले रखी थी। पहले के जमाने में संसाधन सीमित थे, लेकिन मेहनत और गुणवत्ता के कारण यह हलवा लोकप्रिय होता गया।
गुलाब जी हलवा की खासियत – क्या बनाता है इसे अलग?
गुलाब जी हलवा की सबसे बड़ी खासियत इसकी सादगी और शुद्धता है। इसमें सिर्फ शुद्ध दूध और शक्कर का इस्तेमाल किया जाता है। न तो किसी तरह के केमिकल्स डाले जाते हैं और न ही किसी प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग किया जाता है।
हलवा बनाने की प्रक्रिया भी बेहद खास है –
- इसे भट्टी पर करीब 3 घंटे तक पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और टेक्सचर एकदम परफेक्ट बनता है।
- पारंपरिक तरीके से बनाने के कारण यह आज भी वही पुराना स्वाद बनाए हुए है।
- ताजा दूध और मावे से बना यह हलवा बिल्कुल शुद्ध और हेल्दी होता है।
गुलाब जी हलवा की बढ़ती लोकप्रियता
पाली और जोधपुर के अलावा इस हलवे की मांग पूरे राजस्थान और देशभर में बढ़ रही है। खासकर एनआरआई और विदेशों में बसे लोग जब भारत आते हैं, तो वे इसे जरूर खरीदते हैं।
पाली के निवासी बताते हैं कि अगर कोई पाली से गुजरता है, तो उनके रिश्तेदार और दोस्त उन्हें फोन कर खासतौर पर गुलाब जी हलवा लाने की गुजारिश करते हैं।
गुलाब जी हलवा की सफलता – एक दुकान से नौ आउटलेट तक का सफर
गुलाब जी हलवा की सफलता इतनी बड़ी है कि आज इसके नौ से ज्यादा आउटलेट हैं। ये आउटलेट राजस्थान के विभिन्न शहरों में हैं, जिनमें शामिल हैं –
- पाली
- जोधपुर
- रानी
- पालना
- सोजत सिटी
- सोजत रोड
इन सभी जगहों पर गुलाब जी हलवा की समान गुणवत्ता और स्वाद मिलता है।

गुलाब जी हलवा और नकली ब्रांड्स की चुनौती
जैसे-जैसे गुलाब जी हलवा की प्रसिद्धि बढ़ी, वैसे-वैसे डुप्लीकेट ब्रांड्स भी बाजार में आ गए। कई अन्य दुकानदार इस नाम से हलवा बेचने लगे। हालांकि, गुलाब जी हलवा वाला ब्रांड एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है, जिसे मिटाना नामुमकिन है।
गुलाब जी हलवा की एक्सपायरी डेट और स्टोरेज
गुलाब जी हलवा को शुद्ध सामग्री से बनाया जाता है, इसलिए इसकी एक्सपायरी डेट 4-5 दिन होती है। गर्मियों में यह जल्दी खराब हो सकता है, इसलिए इसे ठंडी जगह पर रखना जरूरी है।
आधुनिक युग में गुलाब जी हलवा – ऑनलाइन बिक्री और भविष्य की योजनाएं
गुलाब जी हलवा अब सिर्फ ऑफलाइन ही नहीं, बल्कि भविष्य में ऑनलाइन बिक्री की भी योजना बनाई जा रही है। डिजिटल युग में सोशल मीडिया और मार्केटिंग का भी इसमें योगदान बढ़ रहा है।
इंद्रेश पुरी बताते हैं कि उनके परिवार के सदस्यों ने नई तकनीकों को अपनाया है और बिजनेस को नए स्तर तक ले जाने की योजना बना रहे हैं। आने वाले समय में लोग गुलाब जी हलवा को ऑनलाइन ऑर्डर कर सकेंगे।
निष्कर्ष
गुलाब जी हलवा सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक परंपरा और संघर्ष की कहानी है। 1970 में एक व्यक्ति के प्रयास से शुरू हुआ यह व्यवसाय आज एक बड़ा ब्रांड बन चुका है।
अगर आप कभी पाली या जोधपुर आएं, तो गुलाब जी हलवा का स्वाद लेना न भूलें। यह आपकी मिठाइयों की सूची में एक नया और यादगार स्वाद जोड़ देगा।
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